प्रदेश में बढ़ती गर्मी के साथ ही बिजली की मांग और किल्लत बढ़ती जा रही है। जिसके कारण लोगों को तीन से चार घंटे तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में चढ़ते पारे के साथ बिजली की मांग बढ़कर 5.5 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई है। उधर, राज्य से मिल रही बिजली में भी कमी आ रही है। प्रदेश में बृहस्पतिवार को बिजली की मांग 5.1 करोड़ यूनिट थी, तो शुक्रवार को बढ़कर 5.2 करोड़ यूनिट हो गया जबकि शनिवार को 5.5 करोड़ यूनिट के करीब पहुंच गया। इसके सापेक्ष यूपीसीएल के पास करीब 4.7 करोड़ यूनिट बिजली ही उपलब्ध है। नदियों में पानी का स्तर कम होने की वजह से यूजेवीएनएल का विद्युत उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। इसके चलते यूपीसीएल के लिए और मुश्किलें बढ़ रही हैं।
और बढ़ सकता है बिजली कटौती का दायरा
शनिवार को भी हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर के अलावा रुड़की, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी सहित कई शहरों में दो से चार घंटे तक की कटौती की गई। मौसम और बिजली की मांग में ऐसे ही बढ़ोतरी हुई तो आने वाले समय में कटौती का दायरा और बढ़ सकता है। उधर, इंडियन एनर्जी एक्सचेंज में भी बिजली की मांग बढ़ने की वजह से दाम बढ़ गए हैं। जानकारी के मुताबिक, बाजार में बिजली के दाम 12 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गए हैं। इतने महंंगे दामों पर बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में यूपीसीएल पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है। रविवार को भी प्रदेशभर में बिजली कटौती के आसार हैं।
मानसून से ही मिलेगी राहत
अब यूपीसीएल को बारिश का इंतजार है। बारिश होने के बाद ही नदियों में जलस्तर बढ़ेगा और प्रदेश में बिजली का उत्पादन बढ़ेगा। बीते वर्षों का ट्रेंड देखें तो मानसून आने के बाद बिजली की मांग में भी कमी आ जाती है। लिहाजा, कटौती का सिलसिला थम जाता है।