शिमला: मणिपुर और नगालैंड के पूर्व राज्यपाल और सीबीआई के पूर्व निदेशक अश्विनी कुमार ने घर मे ंफांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। 70 वर्षीय अश्विनी कुमार शिमला स्थित अपने घर में फांसी के फंदे पर झूलते पाए गए हैं। उसकी मौत की पुष्टि एसपी शिमला मोहित चावला ने की है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, अश्विनी ने आत्महत्या की है। हालांकि उनके ऐसा कदम उठाने के पीछे वजह क्या रही, इसका पता नहीं चल पाया है। हिमाचल के सिरमौर निवासी अश्विनी कुमार 1973 बैच के आईपीएस ऑफिसर थे। हिमाचल प्रदेश के डीजीपी, सीबीआई के डायरेक्टर समेत कई पदों पर उन्होंने काबिलियत का लोहा मनवाया।
हिमाचल पुलिस में किए कई बड़े सुधार
अश्विनी ने साल 2006 में हिमाचल प्रदेश पुलिस के डीजीपी का चार्ज लेने के बाद यहां कई सुधार किए। हिमाचल पुलिस के डिजिटलीकरण और थाना स्तर पर कम्प्यूटर के उपयोग की शुरुआत उन्होंने ही करवाई। उन्हीं के कार्यकाल में शिकायतों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जैसी व्यवस्था शुरू हुई, जिससे दूर-दराज के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को थाने की दौड़ लगाने से निजात मिली।
CBI डायरेक्टर बनने वाले पहले हिमाचली पुलिस अधिकारी
अश्विनी कुमार को जुलाई 2008 में सीबीआई डायरेक्टर बनाया गया। अश्विनी सीबीआई डायरेक्टर बनने वाले हिमाचल प्रदेश के पहले पुलिस अफसर थे। मई 2013 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने उन्हें पहले नगालैंड का गवर्नर बनाया और फिर जुलाई 2013 में ही उन्हें मणिपुर का गवर्नर भी बना दिया।