सौगातः उत्तरकाशी को सोलर और पिरूल प्लांट का तोहफा, सीएम ने किया लोकार्पण

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उत्तरकाशीः चिन्यालीसौड़ के टिपरी गांव में आज उत्सव का माहौल था, वहज थी प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का टिपरी गांव पहुंचना। सीएम के गांव में आने से ग्रामीण फूले नहीं समा रहे थे। सभी लोग नये कपड़ों में सज-धज कर मुख्यमंत्री की अगवानी में डटे थे। सीएम रावत ने गांव में 200 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन कर ग्रामीणों को नायाब तोहफा दिया।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जब टिपरी गांव पहुंचे तो सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लोग उनके स्वागत के लिये तैयार थे। सीएम जब गाड़ी से उतरे तो कोरोना को लेकर सावधानी बरतते हुए उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद सीएम को तिलक लगाकर स्थानीय लोगों ने उनका गांव आने पर स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने टिपरी गांव में बने 200 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट का लोकार्पण किया। इस दौरान वहां मौजूद लोगों के चेहरों पर मुस्कान देखने लायक थी। सीएम त्रिवेंद्र ने इसके बाद डुंडा ब्लॉक के चकोन गांव में 25 किलोवाट के पिरूल प्लांट का भी लोकार्पण किया।

सीएम ने कहा कि उत्तराखंड प्रदेश देश का पहला राज्य है कि जहां पर जल विद्युत परियोजनाओं के बाद सोलर पावर प्लांट पर सबसे ज्यादा धन निवेश हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सोलर स्वरोजगार के माध्यम से 25 हजार लोगों को स्वरोजगार देने की योजना है। आज उत्तराखंड का भविष्य स्वरोजगार में है और इसके लिए प्रदेश सरकार लगातार पिरूल हो या बागवानी हर क्षेत्र को विकसित करने के लिए कार्य कर रही है। आज इस कार्यक्रम को यहां के युवाओं ने ही सफल बनाया है।


मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि इंद्रा टिपरी गांव में पानी की समस्या के समाधान के लिए कार्य किया जाए। जिससे कि ग्रामीण मत्स्य पालन जैसी स्वरोजगार योजनाओं को शुरू कर सकें। सोलर पावर प्लांट योजना में सरकार गारंटर है, सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि जब भी कोई योजना शुरू होती है तो उसमें कुछ अड़चनें आती हैं। लेकिन स्वरोजगार योजनाओं में लोन के लिए बैंकों पर लगातार सरकार का दबाव है।

सीएम ने कहा कि सोलर पावर प्लांट योजना में सरकार गारंटर है। इसलिए कोई भी युवा घबराए नहीं और मुख्यमंत्री सोलर प्लांट स्वरोजगार योजना का लाभ हो सकता है। सीएम ने कहा कि पिरूल से बिजली सहित डीजल और अन्य कई चीजें बन सकती हैं। इसलिए सरकार प्रयास कर रही है कि पिरूल के माध्यम से 40 हजार लोगों को रोजगार मिल सके, साथ ही बागवानी आदि क्षेत्र में भी सरकार लगातार सब्सिडी देकर प्रयास कर रही है कि युवा स्वरोजगार से जुड़े सकें।

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