सौंग बांध परियोजनाः 250 परिवारों के विस्थापन से दूर होगा राजधानी का पेयजल संकट

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देहरादूनः प्रदेश में पनबिजली परियोजनाओं ने कई परिवारों को विस्थापन के लिए मजबूर किया। बिजली की खातिर सैकड़ों गांव पानी में समाये। राज्य सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना सौंग बांध के लिए भी चार गांव के 250 लोगों पर विस्थापन का खतरा मंडरा रहा है। सिंचाई विभाग कहना है कि परियोजना के लिए इन परिवारों का विस्थापन किया जाना है। इसके लिए राजस्व विभाग ने करीब 250 परिवारों को चिन्हित भी कर लिया गया है।

परियोजना से जुड़े अधिकारियों का कहन है कि सौंग बांध के लिए अभी केंद्रीय जल आयोग से इजाजत मिल गई है लेकिन केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय ने अभी तक अनुमति नहीं दी है जिसका इंतजार किया जा रहा है। दरअसल राजधानी दून समेत आसपास के इलाकों में पेयजल संकट को देखते हुए सौंग नदी पर मालदेवता से सटे सोंधाना में 1600 करोड़ की लागत से महत्वाकांक्षी बांध परियोजना को धरातल पर उतारा जाना है। 150 एमएलडी क्षमता की यह परियोजना पूरी होती है तो फिर राजधानी देहरादून और आसपास के इलाकों की पेयजल किल्लत दूर हो जायेगी। 365 मीटर लंबे और 148.25 मीटर ऊंचे बांध का प्रस्ताव केंद्रीय जल आयोग को भेजा गया था। जिसे आयोग हरी झंडी दे दी है।

परियोजना के अधीक्षण अभियंता वीके पांडे ने बताया कि सौंग बांध परियोजना के चलते चार गांवों के 250 परिवारों को विस्थापित किया जाना है। राजस्व विभाग की मदद से इन सभी परिवारों को चिन्हित कर लिया गया है। सरकार, शासन और जिला प्रशासन की ओर से जमीन चिन्हित करने के बाद इन सभी परिवारों को वहां विस्थापित किया जाएगा। अधीक्षण अभियंता पांडे ने बताया कि फिलहाल अभी परियोजना को केंद्रीय जल आयोग की ओर से मंजूरी दी गई है जबकि केंद्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से मंजूरी मिलना बाकी है।

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