चाय बागान की भूमि की खरीद-फरोख्त पर SC की रोक

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देहरादून जिला प्रशासन ने जिले में चाय बगान और सीलिंग की जमीन की खरीद-फरोख्त पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। अपर जिला अधिकारी डॉ. शिव कुमार बरनवाल ने इस संबंध में आदेश देहरादून और विकास नगर के सब रजिस्ट्रार को जारी कर दिये हैं। एडीएम एसके बरनवाल ने इस संबंध में देहरादून और विकासनगर से संबंधित रजिस्ट्रार को आदेश जारी किए गए है। रायपुर में जहां खरीद फरोख्त से संबंधित शिकायतें आई थीं, उससे जुड़े तीन मामलों में नोटिस भी जारी किए गए हैं।

बता दें कि आरटीआई एक्टिविस्ट अधिवक्ता विकेश सिंह नेगी के मुताबिक देहरादून के लाडपुर, रायपुर इलाके की 350 बीघा चाय बागान की जमीन के मामले को उजागर किया गया था। जिसमें बताया गया था कि यह भूमि सीलिंग की है और कुछ भू-माफिया इस भूमि को खुर्द-बुर्द करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने इस मामले में प्रशासन से शिकायत की थी। इसके बाद जब कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देश दिये थे कि सीलिंग की जमीन की खरीद- फरोख्त पर तत्काल रोक लगाई जाएं। जिला प्रशासन ने इस संबंध में समिति का गठन कर जांच शुरू कर दी थी।

SC ने लगाई थी रोक
विकेश सिंह के मुताबिक चाय बागान की सीलिंग की जमीन विकासनगर और देहरादून में है। इस जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिये थे कि 10 अक्टूबर 1975 के बाद सीलिंग की जमीन की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती। 10 अक्टूबर 1975 के बाद चाय बागान की भूमि की जो खरीद फरोख्त हुई है वह स्वतः ही समाप्त हो जायेगी और जमीनें सरकार में निहित हो जाएंगी। यदि ऐसा हुआ तो जमीन सरकार की होगी। इसके बावजूद भूमाफिया इस जमीन को को खुर्द-बुर्द कर रहे हैं।

इन गांवों में है चाय बागान की भूमि
अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) डॉ. शिव कुमार बरनवाल के आदेश के मुताबिक ग्राम जमनीपुर, एटनबाग, बदामावाल, अम्बाड़ी, जीवनगढ़, एनफील्ड, ग्रांट, ईस्टहोपटाउन, रायपुर, नत्थनपुर, चक रायपुर, आरकेडियाग्रांट, कांवली, हरबंशवाला, मिट्टी बेहड़ी, मलुकावाला, खेमादोज, मोहकमपुर खुर्द, बंजारावाला माफी, लाडपुर के विभिन्न खसरा नंबरों को चाय बागान की भूमि मानते हुए ग्रामीण सीलिंग से छूट प्रदान की गई है।

हाईकोर्ट पहले ही लगा चुका है चाय बागान की जमीनों की बिक्री पर रोक
देहरादून के चाय बागान की जमीन की खरीद-फरोख्त पर पिछले साल जुलाई में हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार से विस्तृत जवाब भी मांगा था। देहरादून में चाय बागान की जमीनों की खरीद-फरोख्त को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिक दायर की गई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने जमीनों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी थी।

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