देहरादूनः रूद्रप्रयाग जिले में नौकरी कर रहे 14 फर्जी शिक्षकों पर एसआईटी ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इन शिक्षकों पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाने का आरोप है। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा विनय शंकर पांडेय की संस्तुति पर एसआइटी ने यह कार्रवाई की है। अब तक करीब 80 के शिक्षकों के खिलाफ एसआइटी मुकदमे दर्ज करा चुकी है।
क्या है प्रकरण…?
दरअसल वर्ष 2012 से 2016 के बीच राज्यभर में कई व्यक्तियों ने फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र के आधार पर प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक की नौकरी हासिल की। वर्ष 2016 में इसका पता तब चला जब एक व्यक्ति ने पुलिस और विभाग से शिकायत की। इसके बाद कई शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच कराई गई तो फर्जीवाड़े की बात सही पाई गई।
राज्य सरकार ने वर्ष 2017 में जांच के लिए एसआइटी गठित की। अब तक एसआइटी की ओर से 120 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को रिपोर्ट भेजी जा चुकी हैं। जिनमें से 80 शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। हालांकि अभी तक किसी भी शिक्षक से रिकवरी नहीं हुई है। विभाग इसकी तैयारी कर रहा है।
जांच के दायरे में 9602 शिक्षक
अपर पुलिस अधीक्षक लोकजीत सिंह के अनुसार वर्ष 2012 से 2016 के बीच नियुक्त हुए 9602 शिक्षक जांच के दायरे में हैं। उनकी नियुक्ति संबंधी कुल 64641 अभिलेख हैं। इनमें से 35722 अभिलेखों का सत्यापन कराया जा चुका है। शेष 28919 अभिलेखों के सत्यापन की कार्रवाई जारी है।
इन पर दर्ज होगा मुकदमा
माया सिंह राप्रावि जयकंडी, वीरेंद्र सिंह जनता जूनियर हाईस्कूल जखन्याल गांव, कांति प्रसाद राप्रावि जैली जखोली, संगीता बिष्ट राप्रावि कैलाशनगर जखोली, मोहन लाल राप्रावि सारी ऊखीमठ, महेंद्र सिंह राप्रावि लुखंद्री जखोली, राकेश सिंह राप्रावि धारतोंदला, विजय सिंह राप्रावि भुनाल गांव, जगदीश लाल राप्रावि जौला, राजू लाल राप्रावि जग्गीबगवान, संग्राम सिंह राप्रावि स्यूर बरसाल, मलकराज राप्रावि जगोठ, रघुवीर सिंह जनता जूनियर हाईस्कूल जखन्याल गांव और महेंद्र सिंह राप्रावि रायडी।