कोविड के डर के बीच दून में लगातार स्वाइन फ्लू के मरीज मिल रहे हैं। हालांकि अधिकारिक तौर पर इन मरीजों की पुष्टि नहीं की जा रही है। इन मरीजों को सीजनल इन्फ्लुएंजा बताया जा रहा है। दून मेडिकल कॉलेज में तीन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
एक बुजुर्ग मरीज की इन्फ्लुएंजा की रिपोर्ट पॉजिटिव
दून अस्पताल के एमएस डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल हमारे पास एक मरीज की रिपोर्ट की जानकारी है। एक बुजुर्ग मरीज की इन्फ्लुएंजा की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मरीज पिछले पांच दिन से अस्पताल में भर्ती थे। रिपोर्ट बृहस्पतिवार को पॉजिटिव आई है। मरीज की हालत बिल्कुल ठीक थी तो उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं, सूत्रों के मुताबिक तीन मरीजों की रिपोर्ट में तीनों मरीज इन्फ्लुएंजा ए के साथ ही एच1एन1 पॉजिटिव हैं। हालांकि मरीजों के भर्ती होने की भी कोई पुष्टि नहीं हो पाई है।
यह 2009 में मिला था एच1एन1 स्ट्रेन
इन दोनों मरीजों में एच1एन1 स्ट्रेन पॉजिटिव बताया जा रहा है। यह स्ट्रेन 2009 में फैला था। 2009 के बाद जब यह स्ट्रेन पॉजिटिव आता है तो इसको एच1एन1 पेंडमिक कहते हैं। पहले मरीज का इन्फ्लुएंजा ए टेस्ट किया जाता है। यह टेस्ट पॉजिटिव आता है तो मरीज का एच1एन1 किया जाता है। हालांकि 2009 के बाद से इसको सीजनल इन्फ्लूएंजा भी कहा जाने लगा है।
डरे नहीं, घातक नहीं है यह बीमारी
स्टेट सर्विलांस अधिकारी डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि स्वाइन फ्लू के नाम से 2009 में एक नया वायरस आया था। इसके बाद जब यह सब जगह फैला तो इंसान में आकर यह ह्यूमन वायरस बन गया। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह साफ किया कि यह स्वाइन फ्लू वायरस नहीं ह्यूमन वायरस है। स्वाइन फ्लू वायरस अब सीजनल इन्फ्लुएंजा यानी मौसमी जुकाम बुखार है। अधिकतर मरीजों में यह मामूली जुकाम-बुखार की तरह ही होता है। लक्षण बढ़ने पर डॉक्टरी परामर्श के बाद ही दवा लेनी चाहिए।
लगभग एक जैसे हैं कोविड और स्वाइन फ्लू
बता दें कि कोविड और स्वाइन फ्लू के लक्षण लगभग एक जैसे हैं। कोविड के मरीजों की तरह स्वाइन फ्लू के मरीजों को भी आइसोलेट करना जरूरी होता है। यह संक्रमण भी एक से दूसरे में लग सकता है।