जम्मू-कश्मीर के राजौरी में गुरुवार शाम को बड़ा आतंकी हमला हुआ जिसमें सेना के 5 जवान शहीद हो गए हैं। आतंकियों ने सेना की दो गाड़ियों को निशाना बनाकर इस हमले को अंजाम दिया। इस आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और आतंकियों की तलाश जारी है।
सुनियोजित था हमला
इंडिया टुडे के सूत्रों के अनुसार, राजौरी/पुंछ आतंकी हमले में 3 से 4 आतंकवादी शामिल रहे। यह हमला डेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर किया गया। जिस तरह हमले को अंजाम दिया गया है उससे प्रतीत होता है कि आतंकियों ने हमले को अंजाम देने से पहले रेकी की थी और खुद पहाड़ी के ऊपर चले गए और फिर वहां से सेना के दो वाहनों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
घात लगाकर किया हमला
दरअसल, आतंकियों ने धत्यार मोड़ पर हमला सुनियोजित तरीके से किया क्योंकि अंधा मोड़ और ऊबड़-खाबड़ सड़क के कारण इस जगह पर वाहनों की गति धीमी हो जाती है। गुरुवार को धत्यार मोड़ पर जब सेना की गाड़ियां की रफ्तार धीमी हुईं तो आतंकियों ने अचानक उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन आतंकवादी उस स्थान से भागने में सफल रहे। शहीद सेना के जवानों के हथियार गायब हैं और ऐसी आशंका है कि आतंकी शहीद जवानों के हथियार छीनकर भाग गए होंगे।
चल रहा था सर्च ऑपरेशन
जम्मू स्थित रक्षा पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में पुख्ता जानकारी मिलने के बाद 20 दिसंबर की रात पुंछ जिले के थानामंडी-सूरनकोट क्षेत्र में धेरा की गली के इलाके में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया था। वहां सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो गई। जैसे ही अतिरिक्त सुरक्षाबल घटनास्थल की ओर बढ़ रहे थे, आतंकवादियों ने सेना के एक ट्रक और एक जिप्सी पर फायरिंग कर दी। उधर, रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि सुरक्षाबलों ने इस हमले का जवाब दिया है, लेकिन इस अटैक में देश के 5 जवान शहीद हो गए हैं। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन जारी है और आगे की जानकारी का पता लगाया जा रहा है। घटनास्थल से सामने आ रही तस्वीरों और वीडियो में सड़क पर खून, सैनिकों के टूटे हुए हेलमेट और सेना के 2 वाहनों के टूटे हुए शीशे दिखाई दे रहे हैं
पहले भी हुई थी गोलीबारी
यह हमला पिछले महीने पास के राजौरी जिले के बाजीमल वन क्षेत्र के धरमसाल बेल्ट में एक बड़ी गोलीबारी के बाद हुआ था, जिसमें दो कैप्टन सहित पांच सैन्यकर्मी मारे गए थे। बाद में, लश्कर-ए-तैयबा का एक शीर्ष कमांडर, क्वारी, जिसने कई हमलों की साजिश रची थी। इन हमलों में 10 नागरिकों की मौत और एक मुठभेड़ में सेना के पांच जवानों की मौत हो गई।