टिहरी। उत्तराखंड में जहां एक ओर जीरो टॉलरेंस के दावे किए जाते हैं। वहीं कमीशन खोरी हर क्षेत्र के निर्माण पर हावी है। ऐसा ही एक मामला टिहरी जिले के घनसाली में आया है। दरअसल यहां से जुड़े मोटरमार्ग के निर्माण में धांधली के आरोप लग रहे हैं और आरोप भी स्थानीय जन प्रतिनिधि ने लगाया है।
बता दें कि अक्टूबर नवंबर में जिस सड़क पर पेटिंग का कार्य हुआ था वहां कुछ ही समय में मरम्मत कार्य धरातल से साफ हो गया है। इस मार्ग पर गुणवत्ता से कार्य नहीं हुआ है। वहीं आरोप हैं कि घनसाली के धोपड़धार से कोपड़धार मोटरमार्ग पर लाइट भी नहीं है। आरोप है कि विभाग शिकायत के बाद भी एक्शन नहीं ले रहा है। या ये कहें कि अनहोनी के इंतजार में आंखें मूंद कर बैठा हुआ है। स्थानीय लोगों से लेकर यात्री जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं। सड़क निर्माण के टेंडर को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं।
पूर्व प्रधान राजीव सेमवाल ने इस मामले में कहा कि इस प्रकार के निर्माण घनसाली पीडब्ल्यूडी विभाग व ठेकेदार की सड़क निर्माण को लेकर लापरवाही है। अधिकारी से लेकर ठेकेदार तक खाओ पकाओ की तर्ज पर काम कर रहे हैं,जिसके कारण निर्माण कार्य पूरा होते ही धरातल पर जीरो हो जाता है। लोगों के मेहनत के पैसे को इस तरह बहाया जा रहा है। कहा कि सड़क निर्माण के समय भी उन्होंने चेताया था कि निर्माण सही नहीं हो रहा है लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। जिसके नतीजे में दो माह में ही सड़क बिखर गई है। बताया कि बाहरी ठेकेदार ने घटिया क्वालिटी का कार्य किया है।
गौरतलब है कि पहाड़ हो या मैदान हर क्षेत्र में सड़क निर्माण में भारी अनियमितता बरती जा रही है। सड़कें चार से छह महीने में टूटकर बिखर रहीं हैं। सड़क निर्माण की स्थिति ऐसी है कि हल्की बारिश में सड़कें टूट जाती हैं या धंस जाती हैं। बहर हाल उक्त सड़क यही दर्शाती है कि लाइफ लाइनों पर कमीशन का ग्रहण पूर्ण रूप से लग चुका है।