नई दिल्ली: पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन के प्रेसिडिंट विकास सिंह को लिखकर आग्रह किया है कि कपिल सिब्बल और नीरज किशन कौल के खिलाफ प्रस्ताव पारित न किया जाए। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के साथ विकास सिंह की हुई नोकझोंक के मामले में बार की ओर से कपिल सिब्बल और एडवोकेट कौल ने माफी मांगी थी जिसके बाद इन दोनों के खिलाफ बार में प्रस्ताव पारित करने पर विचार के लिए 16 मार्च को बार असोसिएशन की मीटिंग बुलाई गई है।
बार में फूट पड़ने की चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन के कुछ वकीलों ने सिब्बल और कौल के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया है वहीं बार असोसिएशन के अन्य वकीलों ने लेटर लिखकर इस प्रस्ताव का विरोध किया है और चेताया है कि यह एक खतरनाक नजीर बनेगा। इसी बीच पूर्व अटॉर्नी जनरल ने अलग से सिंह को लेटर लिखकर कहा है कि अगर प्रस्ताव पारित किया जाता है तो बार में फूट पड़ेगी और इससे स्थायी तौर पर खटास बन जाएगा।
जानिए क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि 2 मार्च को वकीलों के चैंबर के लिए जमीन आवंटन से संबंधित एक मामले की सुनवाई के लिए केस मेंशनिंग के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट बार असोसिशएन के प्रेसिडेंट विकास सिंह के बीच तीखी बहस हो गई थी। विकास सिंह ने यह मामला मेंशन किया और कहा था कि पिछले छह महीने से इस मामले को लिस्ट कराने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। सिंह ने कहा था कि हम चाहते हैं कि केस लिस्ट हो, हम इसे न्यायधीशों के निवास पर नहीं ले जाना चाहते। इस पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि चीफ जस्टिस के साथ आप इस तरह से व्यवहार नहीं कर सकते हैं। हमें आप चेतावनी न दें। कृपया बैठ जाएं।
सिब्बल ने मांगी थी माफी
इसके बाद में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल दूसरे मामले में पेश होने के दौरान कहा था कि सुबह जो कुछ भी हुआ उसके लिए उन्हें खेद है और कहा कि बार को मर्यादा की सीमाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। सिब्बल के साथ-साथ सीनियर एडवोकेट नीरज किशन कौल ने भी इस मामले में खेद व्यक्त किया था और कहा था कि सुबह जो भी हुआ उसके लिए हमे खेद है और हम आपसे माफी चाहते हैं।