नैनीताल की नैनी झील अपने सौन्दर्य से हर किसी को लुभाती है। नैनी झील की एक झलक पाने के लिए सैलानी सात समुद्र दूर से खिंचे चले आते हैं। इस बार नैनी झील की खूबसूरती कुछ ज्यादा ही नजर आ रही है। ऐसा हो भी क्यों न। दरअसल अपने जल स्तर की समस्या से जूझ रही नैनी झील इस बार पानी से लबालब हो उठी है। झील का जल स्तर इतना बढ़ गया था कि मजबूरन झील से पानी की निकासी करनी पड़ी। भारी जलराशि से भरी झील इन दिनों किसी रूपसी से कम नहीं लग रही है। लोगों का कहना है कि सालों बाद जुलाई माह में नैनी झील में इतना पानी देखने को मिला है।
नैनीतालः कई सालों बाद इस बार जुलाई में नैनी झील का जलस्तर मानक से अधिक भरा है। झील का जलस्तर इतना बढ़ा कि सिंचाई विभाग को झील के गेट खोलकर पानी की निकासी करनी पड़ी। विभाग का कहना है कि पानी के निकासी के लिए गेट को एक इंच उठाया गया है। दरअसल शहर में लगातार हो रही बारिश के कारण झील का जलस्तर 10 फीट 9 इंच पहुंच गया। सिंचाई विभाग के अनुसार नैनी झील से पानी छोड़ने के लिए हर माह के अलग नियम हैं। जिसमें जुलाई के अंत तक झील का जलस्तर 8 फीट 6 इंच होना चाहिए। लेकिन इस बार भारी बारिश के चलते झील 10 फीट 9 इंच तक भर गई। विभाग का कहना है कि झील में जल स्तर बढ़ने पर इसे कम किया जाता है।
झील में ज्यादा पानी भर जाने पर विभाग ने मंगलवार को झील के निकासी गेट खोले। फिलहाल झील से एक इंच पानी की निकासी की जा रही है। पिछले तीन दिन से झील के जल स्तर में लगातार वृद्धि हो रही थी। ज्यादा पानी भरने के कारण विभाग को पानी की निकासी करनी पड़ी।
2011 में बढ़ा था जलस्तर
सिंचाई विभाग के अधिकरियों की माने तो वर्ष 2011 में भारी बारिश के चलते नैनी झील का जलस्तर काफी बढ़ गया था। लिहाजा विभाग ने झील के गेट खोल कर पानी की निकासी की। विभागीय आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2011 में एक जुलाई तक झील का जलस्तर शून्य से नीचे रहा था लेकिन भारी बारिश के चलते 29 जुलाई को यह 8.7 फीट पहुंच गया था। इस कारण विभाग को झील के गेट खोलने पड़े थे। वर्ष 2011 के बाद इस साल झील के जलस्तर पर भारी वृद्धि हुई है। इससे पूर्व वर्ष 1981 के जुलाई में झील का जलस्तर 9.5 फीट आंका गया। 1982 में 10 फीट, 1986 में 9.9 फीट, 1989 में 10 फीट, 1990 में 9.58 फीट, 1992 में 9.87 फीट और 1993 में 9.72 फीट जल स्तर रिकार्ड हुआ था।
कलेंडर के अनुसार खुलता है गेट
झील से पानी की निकासी के लिए ब्रिटिश समय से ही बाकायदा कलेंडर बना हुआ है। अधिकारियों के अनुसार जून में झील का जलस्तर 7.5 फीट होने पर, जुलाई में 8.5 फीट, अगस्त में 11 फीट और सितंबर में 12 फीट होने पर गेट खोले जाते हैं।