चारों धामों को जोड़ने वाला त्यूणी-मलेथा हाईवे रो रहा अपनी बदहाली के आंसू

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टिहरी। प्रदेश में यात्रा सीजन शुरू होने में अब कुछ ही माह का वक्त शेष है, लेकिन जिले में पर्यटकों की आवाजाही का त्यूणी-मलेथा राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच- 707ए) बदहाल बना हुआ है। मार्ग पर जगह-जगह गढ़ड़े और टूटे पैराफिट दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं। वाहन संचालकों के साथ-साथ मार्ग पर पैदल राहगिरों को भी धूल और कीचड़ में चलने को मजबूर होना पड़ रहा है। स्थानीय लगातार हाईवे को दुरुस्त करने की मांग कर रहे हैं।

चारधाम सहित पर्यटन का प्रमुख केंद्र है जिला

बता दें कि टिहरी जिला चारधाम सहित पर्यटन का प्रमुख केंद्र है। ऋषिकेश-गंगोत्री, ऋषिकेश-बदरीनाथ, नैनबाग-यमुनोत्री टिहरी जिले से होकर गुजरते हैं। इसके अलावा चार धाम यात्रा सहित पर्यटन गतिविधियों का मुख्य मार्ग त्यूणी-मलेथा हाईवे का 80 प्रतिशत हिस्सा भी टिहरी से होकर गुजरता है, लेकिन बावजूद इसके हाईवे की हालत जर्जर बनी हुई है। सबसे ज्यादा दिक्कत प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कैंपटी से सुवाखोली के बीच है। कैंपटी फॉल, कांडीखाल, भाटोली, चूना पत्थर में जगह-जगह क्षतिग्रस्त है।

कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटनाएं

हाईवे पर बड़े-बड़े गड्ढे दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं। इन गड्ढों पर बारिश और पाला से पानी भरने के बाद कीचड़ पटा हुआ है, जो वाहन चालकों, दोपहिया वाहनों के साथ-साथ पैदल राहगीरों के लिए भी मुसीबत का सबब बन रहा है। इन दिनों हाईवे के इस क्षेत्र में मसूरी पेयजल की लाइन बिछाई जा रही है, जिससे वहां बड़ी मात्रा में मलबा जमा हो गया है। मलबे के गुबार से भी दुर्घटनाओं का अंदेशा बना हुआ है।

हाईवे मरम्मत के लिए कम समय

फरवरी के अंत और मार्च माह से इस क्षेत्र में पर्यटकों की आमद बढ़ जाती है। पर्यटन विकासनगर, हरबर्टपुर, पुरोला, उत्तरकाशी से इसी मार्ग से केंपटी मसूरी धनोल्टी का काणाताल, टिहरी झील के लिए आवागमन करते हैं। लेकिन जिस तरह से हाईवे जर्जर बना हुआ है उससे लगता है कि इस अवधि में हाईवे पर मरम्मत कार्य पूरा होना मुश्किल है।

स्थानीयों ने की हाईवे दुरुस्त करने की मांग

पूर्व जिला पंचायत सदस्य अखिलेश उनियाल महेंद्र बिष्ट का कहना है कि सरकार की लापरवाही लोगों की जान पर भारी पड़ रही है। पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग के जब यह हालत है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला और ग्रामीण मोटर मार्गो की स्थिति क्या होगी। ऐसे मार्ग को दुरुस्त करने की मांग की है। यह भी उल्लेखनीय है 707ए चंबा से नई टिहरी होकर झांक तक थी जगह-जगह डामर उखड़ने नालिया शौक होने से खराब स्थिति में है।

 

 

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