टिहरी झील बनने से सबसे ज्यादा प्रभावित अगर कोई क्षेत्र हुआ तो वह प्रतापनगर ब्लाॅक है। टिहरी बांध की टी-3 और टी-4 टनल बंद होने के बाद टिहरी शहर पानी में डूब गया था। देखते ही देखते 43 वर्ग किमी क्षेत्र में पानी से लबालब हो गया था। जिससे कई मोटर पुल और संपर्क मार्ग पानी में समा गये थे। प्रतापनगर ब्लाॅक को जोड़ने वाले पुल और सड़के भी झील की भेंट चढ़ गई थी। ऐसे में प्रतापनगर की एक बड़ी आबादी के पास झील लांघने के लिए कोई संसाधन नहीं थे। लिहाजा उत्तराखंड सरकार ने डोबरा-चांठी पुल को स्वीकृति दी। लेकिन यह पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाने से समय पर नहीं बन पाया। लंबे संघर्ष के बाद डोबरा-चांठी पुल बनकर तैयार हुआ। डेढ़ दशक बाद ही सही प्रतापनगर की ढ़ाई लाख आबादी की मुश्किलें खत्म होने वाली है। डोबरा-चांठी पुल का उद्घाटन करने के लिए स्वयं देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आ सकते हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार सभी औपचारिकताएं पूरी करने में जुटी हैं।
नई टिहरीः टिहरी बांध पर बना एशिया का सबसे लंबा झूला पुल डोबरा-चांठी लगभग बनकर तैयार है। इस पुल के उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसके लिए उत्तराखंड सरकार सभी औपचारिकताएं पूरी करने में जुटी है। राज्य सरकार भी चाहती है कि डोबरा-चांठी पुल का उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करें। दरअसल इस पुल का निर्माण एक दशक पहले हो जाना था, लेकिन भ्रष्टाचार और टेक्निकल दिक्कतों की वजह से यह अधर में लटका रहा। वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के चुनावी एजेंडे में इस पुल को मिल किया गया था। लिहाजा राज्य सरकार ने इसके निर्माण में आ रही सभी अड़चनों को दूर कर पुल निर्माण में तेजी लाई। जिसके बाद यह पुल बनकर तैयार हो चुका है।
- हाइलाइट्स
- बहुप्रतिक्षित डोबरा-चांठी पुल लगभग तैयार
- सितम्बर से यातायात शुरू होने की उम्मीद
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं उद्घाटन
- पुल से प्रतापनगर और उत्तरकाशी को मिलेगा फायदा
- डेढ़ दशक इंतजार के बाद एक बड़ी आबादी का सपना होगा पूरा
- इसके साथ ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का भी उद्घाटन करेंगे पीएम
- राज्य सरकार सभी औपचारिकताएं पूरी करने में जुटी
- सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण हैं डोबरा पुल और रेलवे स्टेशन
ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का भी होगा उद्घाटन
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि डोबरा-चांठी पुल के साथ-साथ प्रधानमंत्री ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के पहले स्टेशन योगनगरी, ऋषिकेश का भी लोकार्पण करेंगे। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि यह कार्यक्रम वर्चुअल आयोजित होगा, या फिर कोविड-19 के हालात के नियंत्रित होने के बाद इनका विधिवत उद्घाटन होगा।
सितम्बर में हो सकता है उद्घाटन
सितंबर से दोबरा-चांठी पुल पर आवागमन शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। राज्य सरकार ने भी प्रधानमंत्री से इसी दौरान का समय माँगा है। सरकार की मंसा है कि दोबारा -चांठी पुल और योगनगरी, ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक साथ करें। ऐसा अनुमान है कि सितंबर-अक्टूबर में पीएम इनका उद्घाटन कर इन्हें जनता को समर्पित करेंगे। हालांकि अभी तक यह फाइनल नहीं हुआ है कि उद्घाटन विधिवत होगया फिर वर्चुअल माध्यम से। सरकारी सूत्रों के मुताबिक यह कोविड-19 की परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।
खत्म होंगी प्रतापनगर की मुश्किलें
टिहरी झील बनने के बाद सारे संपर्क मार्ग पानी में डूब जाने के बाद जिला मुख्यालय से प्रतापनगर पूरी तरह कट गया था। जिसके चलते यहां के स्थानीय लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ा। डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज का काम लगभग पूरा हो चुका है। इस पुल के बनने से ढाई लाख की आबादी की मुश्किलें कम हो जाएंगी। पुल के बनने से पहले जहां प्रतापनगर के लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने में करीब पांच घंटे लगते थे। वहीं पुल बनने के बाद यह समय घटकर सिर्फ डेढ़ घंटे रह जाएगा। पुल के बन जाने से प्रतापनगर के साथ-साथ उत्तरकाशी जिले के सीमावर्ती गांवों को भी इसका लाभ मिलेगा। लगभग डेढ़ दशक के इंतजार के बाद यह पुल बनकर तैयार हुआ। जिससे अब झील पार के इलाके में शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन की सुविधाओं में सुधार होगा।