नैनीताल। विश्व प्रसिद्ध सरोवर नगरी नैनीताल की नैनी झील का जलस्तर तेजी से कम हो रहा है। बीते लंबे समय से नैनीताल में बारिश और बर्फबारी ना होने के कारण झील के जलस्तर में अब तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ जल संस्थान के अधिकारियों की भी चिंताएं बढ़ने लगी है। बीते 5 साल में नैनी झील का जलस्तर अपने न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा है। 5 सालों में नैनीताल में बारिश और बर्फबारी औसत की अपेक्षा कम हुई है, इससे नैनीताल की झील में पानी का संकट खड़ा हो गया है।
अप्रैल माह से ही नैनी झील में डेल्टा उभरने लगे हैं। इससे झील की सुंदरता में भी ग्रहण लगने लगा है। जो आने वाले समय में स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए परेशानी का सबब बनेगा। लोगों को पीने के पानी के लिए भी जुझना पड़ेगा। नैनीताल के आसपास करीब 12 से अधिक ऐसे छोटे तालाब यानी रिचार्ज झीलें हैं, जिनमें बरसात के दौरान पानी भरता है और वहां से साल भर पानी नैनी झील में रिस कर आता है। झील पूरे साल भरी रहती है। मगर अब ये छोटे-छोटे तालाब मलबे से भर चुके हैं, जिस कारण इन झीलों में पानी नहीं पहुंच पाता। वहीं दूसरी तरफ झील के आसपास हुए सीसी मार्गों और भवनों के निर्माण की वजह से बरसात का पानी इन रिचार्ज झीलों में नहीं जा रहा है। जिसके चलते अब झील के जलस्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है।
पर्यावरणविद् अजय रावत बताते हैं कि नैनीताल समेत आसपास के जंगलों में पहले केवल कच्चे रास्ते और क्षेत्र थे, लेकिन बदलते समय के साथ-साथ लोगों ने जंगलों में भी निर्माण कर जंगलों को कंक्रीट का बना दिया है। जिसका खामियाजा नैनीताल के लोगों के साथ साथ यहां आने वाले पर्यटकों को भुगतना पड़ रहा है। शहर के कैचमेंट एरिया क्षेत्र में अतिक्रमण होना और शहर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सीसी मार्ग के निर्माण के चलते झील का जलस्तर तेजी से गिर रहा है। इस वर्ष बारिश और बर्फबारी ना होने का भी असर झील के जल स्तर पर देखा गया है। झील का संचालन करने वाले सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एके वर्मा का कहना है कि बीते 5 सालों में नैनी झील का जलस्तर अपने सबसे कम स्तर पर पहुंच गया है।
पेयजल आपूर्ति में जल संस्थान करेगा कटौती
नैनी झील के गिरते जल स्तर को देखते हुए जल संस्थान अब पेयजल आपूर्ति में कटौती करने का मन बना रहा है।अब तक शहर में 12 एमएलडी पानी की रोजाना सप्लाई की जाती है। लेकिन इस बार बारिश और बर्फबारी ना होने से झील का जलस्तर अभी से 5 फीट जा पहुंचा है, जो आने वाले समय के लिए बड़ा संकट हो सकता है, जिसको देखते हुए अब जल संस्थान पेयजल आपूर्ति में कटौती करने का मन बना रहा है।
जल संस्थान के अधिशासी अभियंता विपिन चौहान का कहना है कि नैनीताल में रोस्टिंग व्यवस्था लागू की जाएगी। अब तक शहर में 12 एमएलडी पानी की ही सप्लाई की जा रही है। आने वाले समय में झील के जलस्तर को नियंत्रित किए जाने के लिए रोस्टिंग व्यवस्था की जाएगी। ताकि स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी आसानी से पेयजल की पूर्ति की जा सके। अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2019 से लेकर 2024 तक झील का जल स्तर करीब 15 से लेकर 18 फीट तक गिरा है।
नैनी झील के जलस्तर का आंकड़ा
2019 में नैनी झील का 5.58 फीट रहा जलस्तर
2020 में झील का 5.83 फीट रहा जलस्तर
2021 में झील का 5.29 फीट रहा जलस्तर
2022 में नैनी झील का 8.38 फीट रहा जलस्तर
2023 में झील का 5.42 फीट रहा जलस्तर
2024 में नैनी झील का 3.75 फीट रहा जलस्तर