उत्तराखंड में नहीं होगा बिजली संकट, 400 मेगावाट बिजली देने के लिए केंद्र ने भरी हामी

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उत्तराखंड में सर्दियों के मौसम में बिजली संकट की आहट के बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने 400 मेगावाट बिजली देने पर सहमति दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनसे वार्ता के दौरान यह अनुरोध किया था। वहीं, केंद्रीय मंत्री सिंह ने आपदा में क्षतिग्रस्त बिजली लाइनों की प्रतिपूर्ति व सीमावर्ती क्षेत्रों में बिजली लाइनें बिछाने का भी आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से भेंट की। उन्होंने उत्तराखंड को कोयला आधारित संयंत्रों से 400-450 मेगावाट बिजली के स्थायी आवंटन का अनुरोध किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की ऊर्जा सुरक्षा के दृष्टिगत बेस लोड सुरक्षित किए जाने और राज्य को व्यापक विद्युत कटौती से मुक्त रखने के लिए राज्य को कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट आवंटन किया जाना अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हुई विद्युत लाइनों और टावरों को पुनर्स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से सहायता उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया।

केंद्र कराएगा क्षतिग्रस्त लाइन और टावरों का पुनरुद्धार
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि क्षतिग्रस्त लाइनों की क्षतिपूर्ति केंद्र सरकार की ओर से की जाएगी। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त विद्युत टावरों का सर्वे कराकर इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाए। इसका परीक्षण कराकर प्रतिपूर्ति पर विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में विद्युत लाइनें और विद्युत संयंत्र शीघ्र स्थापित करने का अनुरोध किया जिसके लिए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहाड़ी राज्यों के लिए मानक अलग से निर्धारित कर शीघ्र सीमावर्ती क्षेत्रों में विद्युत लाइनें एवं विद्युत संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार को केंद्रीय पूल से अतिरिक्त विद्युत उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने इस पर सहमति प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सोलर ऊर्जा, हाइड्रो पावर एवं कोयला से विद्युत उत्पादन के लिए दीर्घकालिक योजना पर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने माह अप्रैल से सितंबर 2023 तक औसतन 300 मेगावाट बिजली प्रतिमाह गैर आवंटित कोटा से उपलब्ध कराने पर केंद्रीय मंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि राज्य में ऊर्जा की कुल उपलब्धता में 60 प्रतिशत से अधिक जल ऊर्जा संयंत्रों से है, जिसमें मौसमी परिवर्तन के साथ उपलब्धता में व्यापक उतार-चढ़ाव होता है। शीत ऋतु में उत्पादन लगभग एक तिहाई रह जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की तकनीकी समिति ने अपनी रिपोर्ट में राज्य में बेस लोड की अनुपलब्धता स्वीकार करते हुए राज्य को कोयला आधारित संयंत्रों से अतिरिक्त रूप से लगभग 400 मेगावाट बिजली उपलब्धता सुनिश्चित कराने की सिफारिश की थी। केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हरसंभव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया। केंद्रीय मंत्री ने किशाऊ बांध के संबंध में कहा कि सभी राज्यों से विचार विमर्श करने के बाद शीघ्र ही आपत्तियों का निस्तारण कर काम शुरू किया जाएगा। \

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