फर्जी RC तैयार कर ठगों ने ऐसे लगाया बैंक को लाखों का चूना, पुलिस ने दबोचा

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हरिद्वार। हरिद्वार में फर्जी तरीके से वाहनों की आरसी और अन्य कागज बनाकर बैंकों से लोन लेने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि, 6 अन्य लोग फरार चल रहे हैं। आरोपी अल्मोड़ा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक को करीब 78 लाख रुपए का चूना लगा चुके हैं। इसके अलावा अन्य बैंकों से भी लोन लेने की बात सामने आई है।

दरअसस, ज्वालापुर के कटहरा बाजार स्थित अल्मोड़ा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंधक हरिदत्त भट्ट ने कोतवाली ज्वालापुर में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी शाखा से 8 लोगों ने वाहनों के नाम पर 70 लाख रुपए लोन हड़प लिए हैं, जो आरसी और अन्य कागजात बैंक में जमा कराए गए हैं, वो सब फर्जी हैं।  बैंक मैनेजर की शिकायती पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की। टीम ने कार्रवाई करते हुए 6 आरोपियों को पकड़ा, जबकि, 6 आरोपी अभी भी फरार हैं।

हरिद्वार एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि अल्मोड़ा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंधक की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. फिर मामले की जांच शुरू की, जिसमें पुलिस ने पाया कि आरोपी गैंग के सदस्यों ने HDFC, PNB, YES BANK, PUNJAB SIND BANK में अपना फर्जी खाता शाकंभरी ऑटोमोबाइल, मिडास ऑटोमोबाइल फर्म के नाम से खुलावाया था। इसके बाद गैंग सदस्य तजीम, आकाश, साकार गर्ग, जाग्रत गर्ग ने मिलकर कुमार फाइनेंस कंपनी नाम से रानीपुर मोड पर एक शाखा खोली। इन लोगों ने फाइनेंस कंपनी की आड़ में गैंग के अन्य लोगों के साथ मिलकर बैंक में वाहन लोन के लिए अप्लाई किया।

आरोपित साकार गर्ग की जान पहचान अल्मोड़ा कोऑपरेटिव बैंक में होने के कारण बैंक कर्मी से मिलकर फर्जी कोटेशन के आधार पर वाहन लोन बिना वेरिफिकेशन के करवाते थे। अपने-अपने फर्जी अकाउंट में डलवा कर रुपए आपस में बांट लेते थे। इस ठगी के लिए बकायदा फाइनेंस कंपनी के ऑफिस में फर्जी आरसी और इंश्योरेंस तैयार करते थे। इसके बाद कार की फोटो बनाकर बैंक में जमा करते थे। किसी को शक न हो, इसलिए लोन की कुछ किस्तें बैंक में जमा करते थे।

वहीं, बैक में जमा करवाई गई सभी आरसी दो पहिया वाहनों के नाम पर दर्ज हैं। ये लोग सड़कों पर चलते वाहनों का नंबर नोट करते फिर उसी नंबर की फर्जी आरसी तैयार कर लेते थे। गिरोह की ओर से अन्य बैंकों में वाहन लोन के नाम पर फर्जी फाइलें भी दाखिल की गई है। जिनके संबंध में टीम जांच कर रही है। गिरोह अब तक इस ठगी के खेल से अल्मोड़ा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक को करीब 78 लाख रुपए की चपत लगा चुके हैं।

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