प्रदेश में 1961 से पूर्व के बने सरकारी स्कूलों का जीर्णोद्वार किया जाएगा, जिसके लिए केंद्र सरकार ने 48 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए हैं। इसका लाभ करीब दो हजार स्कूलों को मिलेगा।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से 1961 से पूर्व के जर्जर स्कूलों का विवरण मांगते हुए, जीर्णोद्वार का प्रस्ताव तलब किया था। समग्र शिक्षा अभियान के अपर परियोजना अधिकार डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि सभी जिलों में सर्वे के बाद ऐसे स्कूलों की संख्या दो हजार तक पहुंच गई थी।
इन स्कूलों में बालक बालिका शौचालय, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए राज्य की तरफ से कुल 48 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया।
बता दें कि भारत सरकार के सचिव संजय कुमार ने इस पर राज्य के अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक ली। जिसमें राज्य के प्रस्ताव को यथावत स्वीकार कर लिया गया। राज्य की तरफ से इस ऑनलाइन मीटिंग में सचिव रविनाथ रामन, महानिदेशक बंशीधर तिवारी शामिल हुए।
सती ने बताया कि केंद्र ने इसी वित्तीय वर्ष में उक्त बजट जारी करने का आश्वासन दिया है। इसके बाद इन स्कूलों में मुख्यतौर पर बाउंड्री वाल का काम रह जाता है। इसके लिए पंचायतीराज विभाग से बजट मांगा गया है। सती ने बताया कि इसके बाद बने स्कूल ज्यादातर अभी ठीक हालत में हैं।