डीजीपी अशोक कुमार का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो गया। आज देहरादून पुलिस लाइन में उनके लिए भव्य विदाई समारोह आयोजित किया गया। यहां अपने भाषण के दौरान अनुभव साझा करते वक्त वह भावुक हो गए।
30 नवंबर 2020 में डीजीपी बनने के दौरान ही उनके सामने अपार चुनौतियां थीं। उस वक्त कोविड काल चल रहा था। उन्होंने बताया कि इसके बाद तमाम आपदाएं आईं। पुलिस जनता के लिए बनी है।मैंने हमेशा पुलिस और जनता के बीच की दूरी कम की है।
डीजीपी अशोक कुमार अपने तीन साल के कार्यकाल में पुलिस के लिए कई तरह के काम कर गए हैं। वहीं नए डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि अशोक कुमार पुलिस फोर्स के लिए विश्वकर्मा रहे हैं। उन्होंने आधारभूत ढांचे को मजबूत किया है।
अशोक कुमार सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले हरिद्वार पहुंचे थे। यहां विभिन्न सामाजिक संगठनों ने डीजीपी को 34 साल में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया। उन्होंने जनता से संवाद भी किया। गंगा आरती में शामिल होने के बाद सीसीआर में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें सम्मानित करते हुए बधाई दी। वहीं सेवानिवृत्त पर सीआरपीएफ उत्तराखंड सेक्टर की ओर से डीजीपी अशोक कुमार का सम्मान किया। इस दौरान डीजीपी ने सीआरपीएफ में रहने के दौरान के अपने अनुभवों को जवानों के साथ साझा किया।