देहरादून : बेरोजगार परीक्षाओं में लगातार हो रही गड़बड़ी और धांधली पर रोक समेत विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। एक दिन पहले ही बेरोजगारों ने सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन की रात को ही सरकार के आदेश पर पुलिस ने धरने पर बैठे बेरोजगारों को वहां से खदड़ने का प्लान बनाया।
बेरोजगारों का आरोप है कि पुलिस देर रात 12 बजे आती है और एकदम से हमला कर देती है। बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार का आरोप है कि धरने पर महिलाएं और लड़कियां भी बैठी थी। लेकिन, एक भी महिला पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद नहीं थी। पुरुष पुलिसकर्मियों ने बर्बरतापूर्ण तरीके से उनको वहां से उठाया।
धरने पर बैठी युवती का कहना है कि एक पुलिस अधिकारी शराब के नशे में था और बदसलूकी कर रहे थे। उनका कहना है कि उत्तराखंड पुलिस को मित्र पुलिस कहा जाता है। लेकिन, पुलिस का व्यवहार बिल्कुल गुंडों जैसा था। उनका कहना है कि वो संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएंगी।
एक दिन पहले भर्ती घोटालों को लेकर राजधानी देहरादून में युवाओं का गुस्सा सड़कों पर दिखा। गांधी पार्क के बाहर युवाओं की भारी भीड़ जुटी। धरना प्रदर्शन कर युवाओं ने प्रदेश में लगातार सामने आ रहे भर्ती घोटालों को लेकर आक्रोश जताया। यूकेएसएसएससी की परीक्षाओं में धांधली के बाद यूकेपीएसी के भी पेपर लीक होने के बाद युवाओं का भरोसा डगमगा गया है।
युवाओं ने सरकार से भर्ती घोटालों की जांच सीबीआई से करवाने, परीक्षाओं को घोटालों से बचाने के लिए मजबूत और निष्पक्ष निगरानी तंत्र बनाने, यूकेएसएसएससी परीक्षा में ईमानदारी से चयनित युवाओं को तत्काल प्रभाव से नियुक्ति देने और भविष्य में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं से पूर्व घोटालों में लिप्त युवाओं का नाम सार्वजनिक करने और उन्हें सरकारी नौकरी की आगामी सभी परीक्षाओं से प्रतिबंधित करने की मांग की है।
बेरोजगारों ने कहा कि राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए युवाओं ने कहा कि हुई भर्ती परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा देने चाहती है तो इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। वहीं सरकार का कहना है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को और सख्त बनाया जाएगा। सरकारी कामकाज में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर अफसर-कर्मचारियों के खिलाफ तुरंत और सख्त एक्शन लिया जाएगा।