देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने शनिवार को आपदा पीड़ित गन्ना किसानों की मुआवजा राशि बढ़ाने समेत किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर सीएम आवास कूच किया। हरीश रावत सैकड़ों किसानों के साथ ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार होकर सीएम आवास के लिए निकले, लेकिन पुलिस बल ने किसानों को हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। इसके बाद हरीश रावत किसानों के साथ मौके पर ही धरने पर बैठ गए और एक घंटे का सांकेतिक मौन व्रत रखा।
फसलों का उचित मुआवजा देने की मांग
सीएम आवास कूच के दौरान हरीश रावत ने किसानों को उनकी फसलों का उचित मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई। उन्होंने सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि 2014 में किसानों को 8 हजार रुपए प्रति बीघा मुआवजा दिया जाता था। लेकिन आज मुआवजे की राशि घटा घटाकर 1100 रुपए कर दी गई है। उन्होंने मांग उठाई कि आपदा पीड़ित किसानों की मुआवजा राशि बढ़ाकर 10 हजार रुपए की जाए।
इकबालपुर चीनी मिल का उठाया मसला
हरीश रावत ने कहा कि किसानों के लिए गन्ना मुख्य आधार होता है। पूरी दुनिया में गन्ने और चीनी के दाम बढ़ रहे हैं। इसलिए सरकार को गन्ने का खरीद मूल्य 425 रुपए प्रति क्विंटल करना चाहिए। उन्होंने इकबालपुर चीनी मिल का मसला उठाते हुए कहा कि चीनी मिल पर किसानों के बकाया भुगतान को लेकर मुख्यमंत्री और सरकार ने वादाखिलाफी की है। उन्होंने आपदा की वजह से बर्बाद हो चुके फसल चक्र को देखते हुए बिजली-पानी के बिल माफ किए जाने की भी मांग उठाई है।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को घेरा
प्रदर्शन में शामिल हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने किसानों की मांग पर कहा कि आज देश और प्रदेश का किसान बुरे हालातों से गुजर रहा है। उसके सामने भुखमरी जैसे हालात पैदा हो गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार किसानों की आय दोगुनी करने का वादा कर रही है। लेकिन किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पूरे देश में फर्टिलाइजर, दवाओं, खाद, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हुआ है। इसका किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।