- उत्तराखंड के कई जनपदों में भारी बारिश से किसानों को नुकसान
- कई नदियों का बढ़ा जलस्तर, धान की सफल बर्बाद
- मौसम विभाग ने जताई 30 सितम्बर तक बारिश की सम्भावना
प्रदेशभर में बारिश का सिलसिला कल शाम से अब तक जारी है। भारी बारिश के कारण किसानों को नुकसान हुआ है। धान की खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। कुछ जगहों पर कटी हुई धान की फसल भी बबाई हुई है। टिहरी, चमोली सहित अलग.अलग जिलों में भारी बारिश से नदियां उफान पर है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई जगह भूमि कटाव हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार 30 सितंबर तक प्रदेश में विभिन्न जिलों में बारिश की संभावना बनी रहेगी। टिहरी के घनसाली में देर रात से लगातार हो रही है। मूसलाधार बारिश से एक बार फिर नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। आपदा प्रभावित क्षेत्र बूढ़ाकेदार में धर्मगंगा नदी का जलस्तर बढ़ा है। जिससे सड़क खोलने में जुटी पोकलेंड मशीन नदी के बीचों-बीच फंस गई है।
ग्राम प्रधान सनौप सिंह राणा ने बताया की लागातर क्षेत्र में बारिश हो रही है। बूढ़ाकेदार बाजार के समीप पीएमजेएसवाई विभाग द्वारा बूढ़ाकेदार-पिंस्वाड मोटरमार्ग पर लगाए गए जाले भी नदी के कटाव से बह गए हैं।
उधर चमोली जिले में भी बीती रात से लगातार मूसलाधार बारिश जारी है। बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हो गया है। बदरीनाथ हाईवे पर चटवापीपल में पहाड़ी से मलबा आने पर बाधित हो गया। वहीं चटवापीपल के पास ही एक होटल में बारिश का पानी घुस गया।
जबकि आज बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। जबकि देहरादून, हरिद्वार समेत अन्य जिलों में जगह-जगह तीव्र बारिश होने के आसार हैं। टिहरी जिले में बारिश होने के बाद जिला मुख्यालय नई टिहरी और आसपास के क्षेत्र में ठंड बढ़ने लगी है।